प्रागार्तव सिंड्रोम (प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम - पीएमएस) के कई लक्षण व संकेत होते हैं जिनमें मनःस्थिति में अस्थिरता (मूड स्विंग्स), स्तन मृदुता (टेंडर ब्रेस्ट्स), खाने की लालायितता (फूड क्रेविंग्स), थकान (फे़टीग़), चिड़चिड़ापन (इरिटेबलिटी), अवसाद व निराशा (डीप्रेशन) की भावनआएं शामिल हैं। ऐसा अनुमानित है कि हर ४ में से ३ महिलाओं ने प्रागार्तव सिंड्रोम (पीएमएस) को किसी ना किसी रूप में ज़रूर अनुभव किया है।
पीएम्एस के लक्षण प्रायः माहवारी शुरू होने है ५ से ११ दिन पूर्व ही दिखने लगते हैं और आमतौर पर माहवारी शुरू होने पर समाप्त हो जाते हैं। हालांकि पीएमएस का कोई ठोस कारण ज्ञात नहीं है, कई शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि यह मुख्यतः माहवारी की शुरुआत में होने वाले लैंगिक हाॅर्मोन (सेक्स हाॅर्मोन) और सेरोटोनिन (मनोदशा प्रभावित करने वाला हाॅर्मोन) के स्तरों में परिवर्तन से संबंधित है।
आमतौर पर पीएम्एस के लक्षण हल्के या मध्यम होते हैं। लगभग २० से ३२ प्रतिशत महिलाओं ने ऐसे मध्यम से गंभीर लक्षणों को महसूस किया है जो कि उनके जीवन के किसी ना किसी पहलू को प्रभावित करते हैं।
किन्तु पीएमएस सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाओं कि एक छोटी संख्या ऐसी भी है जिन्हे हर माह अक्षम करने वाले लक्षणों (डिसेब्लिंग सिम्पटम्स) को सहन करना पड़ता है। पीएमएस के इस रूप को प्री मेंस्ट्रुअल डाइस्फ़ोरिक डिसऑर्डर (पीएमडीडी) कहा जाता है।
अवसाद (डिप्रेशन), मनःस्थिति में अस्थिरता (मूड स्विंग), क्रोध(एंगर), व्यग्रता (एंग्ज़ाइटी), अभिभूत महसूस करना (ओवरव्हेल्म्ड), एकाग्रता में कमी होना, चिड़चिड़ापन और तनाव (टेंशन) पीएमडीडी के कुछ मुख्य लक्षण हैं।
भावनात्मक एवं व्यावहारिक लक्षण
- तनाव (टेंशन) य व्यग्रता (एंग्ज़ाइटी)
- अवसाद (डिप्रेशन)
- मनःस्थिति में अस्थिरता (मूड स्विंग) व चिड़चिड़ापन अथवा क्रोध (एंगर)
- भोजनेच्छा में बदलाव (एॅपेटाइट चेंजेज़) तथा खाने की लालायितता (फूड क्रेविंग्स)
- अनिद्रा (इंसोम्निया)
- सामाजिक प्रत्याहरण (सोशियल विदॖड्राॅल)
- लघु एकाग्रता (पुअर काॅन्सन्ट्रेशन)
- कामेच्छा (यौन क्रिया) में परिवर्तन
शारीरिक लक्षण
- जोड़ों एवं मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- थकावट
- द्रव प्रतिधारण (फ्लूइड रिटेंशन) के कारण वजन में वृद्धि
- उदरीय (एब्डॉमिनल) सूजन
- स्तन मृदुता (ब्रेस्ट्स टेंडरनेस)
- मुँहासों में अतिशय बढ़ोत्री (एक्ने फ्लेयर अप)
- कब्ज़ तथा दस्त
- मद्य असहिष्णुता (एल्कोहोल इंटोलेरेंस)
मद्धम से औसत पीएमएस व माहवारी के दौरान क्या करें और क्या नहीं
क्या करें
- आहार विषयक परिवर्तन - आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व और फाइबर प्रदान करने वाले साबुत धान्य अनाज व दाल, ताज़े फल और सब्जियों को भोजन में शामिल करें।
- सहजता से पचने वाले आहारों को लघु मात्रा में ग्रहण करें|
- तनाव प्रबंधन करने हेतु प्रतिदिन 30 मिनट टहलें, योग और ध्यान करें।
- माहवारी के दौरान विशेष रूप से पर्याप्त आराम करें व न्यूनतम ७ घंटे की नींद पूरी करें|
- जल युक्त फल और सब्जियां लें व समुचित जलयोजन (हाइड्रेशन) बनाए रखें|
- माहवारी शुचिता - प्रवाह के आधार पर सुनियोजित अंतराल पर पैड बदलें| 15-20 ग्राम त्रिफला चूर्ण को आधा लीटर पानी में रंग परिवर्तित होने तक उबालें और ठंडा होने के पश्चात छान कर प्रतिदिन एक बार योनिक क्षेत्र को साफ करने के लिए उपयोग करें|
क्या न करें
- अधिक नमक, शराब, अधिक चीनी / वसा (फैट), अत्यधिक परिष्कृत (रिफाइंड) खाद्य पदार्थ और कैफीन का उपभोग ना करें|
- कोई भी अत्यधिक प्रगाढ़ता (हाई इंटेंसिटी) वाला व्यायाम या कार्य या जिमखाने में कसरत अथवा कोई आनंदप्रद गतिविधियां जैसे ट्रेकिंग / मैराथन दौड़ इत्यादि ना करें।
- औदरिक (एब्डॉमिनल) तनाव के दौरान विशेष रूप से तैलीय भोजन (जंक फ़ूड) का सेवन ना करेंI
पीएमएस के दौरान आहार संबंधी सहायक संघटक
- कोको (काकाओ) बीन्स - इनमे प्रचुर मात्रा में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता और ट्रिप्टोफैन (जो मनोदशा वर्धक सेरोटोनिन का प्रणेता) होता है| कच्चे कोको पाउडर का एक बड़ा चम्मच दूध/पानी में मिलाकर सेवन करने से पीएमएस के लक्षणों से निपटने में अत्यंत लाभकारी होता है|
- कद्दू के बीज - जो कि ओमेगा-३ और ओमेगा-६ फैटी एसिड, फाइबर और जिंक से भरपूर होते हैं|
- हरे पत्ते वाली सब्जियां - ये आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम का समृद्ध स्रोत होती हैं|
आयुर्वेदिक परिप्रेक्ष्य व उपचार
- गर्म अरंडी के तेल (कैस्टर ऑयल) का उदर (पेट) पर लेप|
- 5 मिलीलीटर गर्म अरंडी के तेल का आंतरिक रूप से सेवन करें।
- १/८ चम्मच सूखी अदरक + १/४ चम्मच अजवायन को ४५ मिलीलीटर पानी में रंग परिवर्तन होने तक उबालें और छानने के पश्चात ग्रहण करें।
- प्राणायाम तथा गहरी श्वसन क्रिया भी पीएमएस के लक्षणों से निज़ात पाने में अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं|