तुलसी


होली बेसिल (पवित्र तुलसी) या तुलसी, जिसका वैज्ञानिक नाम ऑसीमम सैन्क्टम (समानार्थी - ओसीमम तेनुफ्लॉरूम) है, लैमिएशीए परिवार का एक सुगंधित बारहमासी पौधा है।  
यह मूलतः भारतीय उपमहाद्वीप में उपजने वाला पौधा है तथा दक्षिण पूर्वी एशिया के सभी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसकी खेती बड़े ही व्यापक रूप से की जाती है | 

औषधीय व धार्मिक उद्देश्यों के साथ-साथ, तुलसी के गुणकारी तेल की प्राप्ति के लिए भी तुलसी की खेती की जाती है|  

संस्कृत में तुलसी का अर्थ “अतुलनीय” है - अर्थात जिसकी तुलना न की जा सके| तुलसी के दो प्रकार हैं - कृष्णा तुलसी (काली तुलसी) व राम तुलसी (हरी तुलसी)l दोनों के रासायनिक घटक एक समान हैं, परंतु प्राचीन भारतीय साहित्य “चरक संहिता” के अनुसार कृष्णा तुलसी की अधिक औषधीय महत्ता है| ये एक प्रकार की जड़ीबूटी है जो प्रचुर मात्रा में ऐसे रोगाणुरोधी पदार्थों से परपूर्ण होती है जो मधुमेह (डायबिटीज़), गठिया (अर्थराइटिस), श्वसनीशोथ (ब्रोंकाइटिस) व त्वचा रोग से लेकर कई अन्य प्रकार के रोगों के इलाज के लिए उपयोगी होते हैं | 

तुलसी के लाभ 

आयुर्वेद में तुलसी ‘जड़ी-बूटियों की रानी' कहा जाता है तथा यह ‘जीवन अमृत'  नाम से निर्दिष्टत है। तुलसी एक अनुकूलक जड़ीबूटी (एडैप्टोजेनिक हर्ब) है| यह शरीर के सबसे अंदरुनी ऊतकों के भीतर प्रवेश कर कफ व वात को संतुलित करने में सहायता करती है| कहा जाता है की रोज़ाना तुलसी का सेवन बिमारियां दूर करता है, सामान्य स्वास्थ्य लाभ कराता है, तंदुरुस्ती व दीर्घायु को उत्प्रेरित करता है तथा दैनिक जीवन के तनाव से निपटने में भी सहायता करता है | तुलसी के निम्नलिखित लाभ हैं : 


 

  • एक सशक्त प्रतिउपचायक (एंटीऑक्सिडेंट) -  

फिनोलिक यौगिकों व फ्लेवोनोइड्स की अधिकता के कारण कृष्णा तुलसी, तुलसी की अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक शक्तिशाली प्रतिउपचायक है जो शरीर में मौजूद मुक्त कणों को नष्ट करने में सहायक है। तुलसी की पत्तियों व तने दोनों के ही अर्क में उच्च प्रतिउपचायक क्षमता होती है। 

  • तनाव रोधक गुण -

तुलसी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने की क्षमता के कारण, यह एक उत्तम तनाव विरोधक/ अनुकूलक गुण प्रदान करती है| प्रयोगशाला में जंतुओं पर किये गए परीक्षणों जैसे बलित् तैराकी, संयम व ठंड की अनावृत्ति के कारण तनाव के अध्ययन यह दर्शाते हैं कि तुलसी वायुजीवी उपापचय (एरोबिक मेटाबॉलिज्म) को उत्तम बनाता है, तैराकी के समय को उत्तमतर बनाता है, ऊतकों के ऑक्सीकरण द्वारा होने वाली क्षति को कम करता है व बाह्य उत्प्रेरको के कारण होने वाले शारीरिक तथा जीवरसायनिक मापदंडो के असंतुलन को सामान्य बनाने में भी मदद करता है| 

तुलसी के रासायनिक सूत्र में मौजूद यूजेनॉल व कैरोफाइलीन सबसे महत्वपूर्ण अनुकूलक अभिकर्ता है। यह शरीर में मौजूद कोर्टिकोस्टेरोन के स्तर को कम करने में सहायक हैं जो कि तनाव का मुख्य कारण होते है | 

  • कर्क रोग (कैंसर) विरोधी गुण - 

डीएनए की क्षति को कम कर व पुरा-कर्क रोग कोशिकाओं और कर्क रोग कोशिकाओं को नष्ट कर तुलसी कर्क रोग के निवारण में सहायक सिद्ध होती है| इसके साथ ही तुलसी का पौधा रसोचिकित्सा (कीमोथेरेपी) व विकिरण चिकित्सा (रेडिएशन थेरेपी) के कारण होने वाले दुष्प्रभाव से स्वस्थ कोशिकाओं के संरक्षण में भी सहयोगी है | 

  • रोगाणुरोधक गुण - 

शोधो से प्राप्त जानकारी तुलसी के जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी व कवकरोधी गुणों को दर्शाती है| प्रायौगिक प्रमाणों के अनुसार तुलसी विभिन्न प्रकार के संक्रमणों जैसे मूत्राशय संक्रमण, त्वचा व घाव संक्रमण, मियादी बुखार (टाइफाइड), हैजा (कॉलरा), दाद (हर्पीज), विभिन्न कवक संक्रमण, निमोनिया व मच्छर के काटने से होने वाला संक्रमण जैसे डेंगू व मलेरिया के उपचार के लिए प्रयोग की जा सकती है | 
तुलसी में व्रण (अल्सर) रोधक व व्रणवरण उपचार के गुण होते हैं| दांतो की सड़न के मुख्य कारक स्ट्रेप्टोकोकस (कोकस या गोलाकार जीवाणु) के प्रति अपनी जीवाणुरोधक क्षमता के कारण तुलसी का उपयोग हर्बल माउथवॉश (मुंह साफ करने वाला पानी) बनाने के लिए किया जाता है, जो सांसों की बदबू, मसूड़े की बीमारियों व मुंह में होने वाले व्रण के उपचार में भी लाभदायक है। 

  • वायु शोधक के रूप में -  

ताजमहल के सदियो से बने अपरिवर्तित सौंदर्य को बनाए रखने के लिए भी तुलसी का उपयोग किया जा रहा है| 
अपने शुद्धिकारक, प्रतिउपचायक (एंटीऑक्सिडेंट) व प्रदूषण विरोधक गुणों के कारण तुलसी का पौधा लगाने से, वायु प्रदूषण कम करने तथा वायु शुद्धिकरण में सहायता मिलती है|  

 

तुलसी से प्राप्त होने वाले अन्य लाभ - 

  • तुलसी मधुमेह ग्रस्त लोगों के लिए अत्यंत  लाभदायक है। यह रक्त में शुगर के स्तर को कम करने में मदद करती है|
  • यह शरीर के पूर्ण वसा (कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को कम करके, रक्त चाप ( ब्लड प्रेशर) को सामान्य बनाए रखने में सहायक हैl
  • राम तुलसी श्वसन प्रणाली (रेस्पिरेट्री सिस्टम) से संबंधित समस्याओं के लिए गुणकारी हैl यह सर्दी, खांसी व श्वसनीशोथ (ब्रोंकाइटिस) के प्रति प्रभावशाली है। तुलसी का तेल कान के दर्द को कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है|
  • तुलसी एक अवसादरोधक के रूप में भी अति उपयोगी है l
  • तुलसी में मौजूद उर्सोलिक अम्ल (उर्सोलिक एसिड) झुर्रियों को कम करने व विशेषत: युवाओं की त्वचा में लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है।
  • तुलसी की पत्तियों का अर्क शहद में मिला कर उसका सेवन करने से पथरी की समस्या का निवारण हो जाता है| 

उपयोग 

विभिन्न परिस्थितियों में, भिन्न-भिन्न प्रकारों से तुलसी का उपयोग किया जाता है - 

  • बदहजमी / अपचन - ८ से १० तुलसी की पत्तियों व आधा चम्मच अदरक (शुंती) को पानी में उबालकर, उसका सेवन बदहजमी/ अपचन की समस्याओं से आराम दिलाता है|
  • सर्दी व खांसी - ८ से १० तुलसी की पत्तियों, १ लौंग, दालचीनी का छोटा टुकड़ा, १ ग्राम काली मिर्च पाउडर, आधा चम्मच अदरक (शुंती) को 100 मिलीलीटर पानी में आधी मात्रा होने तक उबालकर बनाया गया मिश्रण सर्दी व खांसी के लिए एक अच्छा उपाय हैl
  • बुखार - तुलसी की पत्तियों का रस व काली मिर्च पाउडर का मिश्रण मलेरिया के बुखार में उपयोगी है|
  • शिशुओं के विकार - १-२ लौंग, ५-६ तुलसी की पत्तियाँ और १/४ चम्मच तंकना का पाउडर साथ में पीसकर बच्चों को देने से यह जुखाम, खांसी, दमा व उदर विकार  को कम करने में सहायक होता हैl
  • बालों का असामयिक सफेद होना -  तुलसी बालों को सफेद होने से रोकती है, इसी कारण यह बालों के लिए बनाए  तेल का एक अच्छा संघटक है| 
  • घाव भरने में सहायक - सुरसादि की औषधि (तुलसी व अन्य जड़ी बूटियों का सम्मिश्रण) के रस का छिड़काव  या लहसुन का लेप घाव में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करके घाव भरने की प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाते हैं| 

दुष्प्रभाव

कई शोधों से प्राप्त जानकारी यह इंगित करती है कि तुलसी एक अत्यधिक उच्च सुरक्षा सीमा व निम्न विषाक्तता स्तर वाली जड़ी बूटी हैl इसका उपयोग शरीर व स्वास्थ्य दोनों पर ही बिना कोई प्रतिकूल या दुष्प्रभाव डाले, अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है।  

तुलसी के इस्तेमाल से होने वाले लाभ तथा तुलसी के उपयोग व  तुलसी की औषधि की सुरक्षा सीमा (फार्माकोविजिलेंस) पर प्रकाशित हुए शोध पत्रों के अनुसार निस्संदेह तुलसी ‘जड़ी-बूटियों की रानी’ है जो अपने अनेक स्वास्थ लाभों से संपूर्ण स्वास्थ्य व तंदुस्र्स्ती के लिए गुणकारी है| तुलसी दीर्घायु प्रदान करने के लिए भी विख्यात है तथा लाखों लोगों ने तुलसी की पत्तियों के सेवन को दैनिक आदतों का हिस्सा बना लिया है ताकि वे तुलसी से प्राप्त होने वाले फायदों का अधिकतम लाभ उठा सकें l  

References

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2 https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4296439/

3 Vasudevan P, Kashyap S, Sharma S. Bioactive botanicals from basil (Ocimum sp.) J Sci Ind Res (C) 1999;58:332–8.

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5https://www.researchgate.net/profile/Debjit_Bhowmik4/publication/325987440_Review_Article_Traditional_Indian_Herbal_Plants_Tulsi_and_Its_Medicinal_Importance/links/5b31cc4e0f7e9b0df5cb9961/Review-Article-Traditional-Indian-Herbal-Plants-Tulsi-and-Its-Medicinal-Importance.pdf

6 Research J. Pharmacognosy and Phytochemistry 2010; 2(2): 103-108

7 Classical uses of medicinal plants by Prof.P.V.Sharma.


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