विशेषज्ञों का मानना है की अच्छे स्वास्थ्य के लिए कम-से-कम आठ घंटे की नींद आवश्यक है| फिलिप्स द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 93% भारतीय आठ घंटे से कहीं कम सोते हैं, 11% काम से छुट्टी कम सोने की वजह से लेते हैं और 38% भारतियों ने अपने सहकर्मियों को कार्यस्थल पर सोते देखा है|
अच्छे स्वास्थ्य के लिए खान-पान और व्यायाम के साथ नींद का भी अत्यंत महत्व है| अच्छी नींद आपको तरो-ताज़ा और सक्रिय रखती है| रात की नींद के दौरान हमारा शरीर वृद्धि हार्मोन का सञ्चालन करता है| यह हॉर्मोन शरीर के कोशिकाओं की मरम्मत करता है और उनके पुनर्जनन में सहायता प्रदान करता है| नींद वह समय है जब हमारा शरीर स्वयं की मरम्मत करता है एवं शरीर के विभिन्न अंगों का विशहरण होता है|

नींद के अभाव से होने वाले नुकसान
- आजकल बच्चों के सोने की अवधि में भी कमी आई है| इसके कई कारण हैं जैसे गलत सारणी, पोषण और शारीरिक गतिविधि में कमी| इसकी वजह से बच्चों में बेचैनी, चिड़चिड़ापन, ध्यान में कमी और थकावट देखी गई है|
- 2004 में हुए एक अध्ययन के अनुसार जो लोग 6 घंटे से कम सोते हैं उनमें मोटापे से ग्रसित होने होने की 30% ज्यादा संभावना है बजाय उनके जो 7 से 9 घंटे सोते हैं|
- यदि हम किसी वजह से 2-3 रात लगातार ठीक से ना सो पाए तो इसका सीधा असर हमारी त्वचा पर दिखता है| त्वचा रूखी हो जाती है और आँखें फूल जाती है| त्वचा का बेजान होना, झुर्रियां आना और आंखों के नीचे काले गड्ढों का होना कम नींद के दुष्प्रभाव हैं|
- सबसे आम नींद संबंधी परेशानी जिसे इनसोम्निया या अनिद्रा कहते हैं का डिप्रेशन से गहरा संबंध है| इनसोम्निया और डिप्रेशन एक दूसरे को एक चक्र में बांधकर रखते हैं| नींद का अभाव अक्सर डिप्रेशन को बढ़ाता है और डिप्रेशन की वजह से नींद बाधित होती है|
- जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों में नींद का अभाव कम टेस्टोस्टेरोन होने का बड़ा कारण है| नींद में कमी की वजह से पुरुषों और स्त्रियों, दोनों में कम कामवृत्ति और सेक्स में कम रुचि रिपोर्ट की गई है|
- इसकी वजह से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अनियमित धड़कन, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक और तमाम द्वितीयक संक्रमण और आंतों से संबंधित परेशानियां (जैसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का कम होना) हो सकती हैं|
- अध्ययन से पता चला है की नींद का ह्रास या कम नींद, काम के दौरान एक्सीडेंट या चोट का कारण बन सकती है|
- सोचने और सीखने की क्षमता में नींद की अहम भूमिका है| नींद का अभाव में हमारी सजगता, एकाग्रता, ध्यान, तर्क एवं समस्याओं को सुलझाने की क्षमता को हानि पहुंचती है|
अच्छी नींद के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
पालन करें
- सोने और उठने का एक समय निर्धारित करें: छुट्टियों के दिन भी इस नियमितता का पालन करें| इससे आपकी शारीरिक घड़ी को सहायता मिलेगी| वह नियमित रहेगी|
- सोने से पहले सही समय पर सही भोजन करें: कार्बोहाइड्रेट में प्रचुर खाद्य पदार्थ जैसे चावल और केला दिमाग में सेरोटोनिन उत्पन्न करते हैं जो नींद आने में सहायक होता है| कोशिश करें कि रात का भोजन सोने से कम से कम 2 घंटे पहले पहले ले|
- सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों को ‘रिड्यूस्ड लाइट’ या कम लाइट मोड में सेट करें: लैपटॉप, टीवी या कोई भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सोने से कम से कम आधा घंटा पहले बंद कर दे| इन उपकरणों से निकलती नीली किरण हमारे दिमाग को दिन होने का भ्रम देती है जो मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती है| मेलाटोनिन वह हार्मोन है जो नींद के लिए आवश्यक है| कई उपकरणों में अब नाइट मोड की सुविधा उपलब्ध है| आप सोने से पहले स्क्रीन को वार्म टोन में बदल सकते हैं|
- अपने मन को स्थिर करें, काम बंद करें और सोने की तैयारी करें| यदि हो सके तो गुनगुने पानी में सुगंधित तेल या ताजा जड़ी बूटियां मिलाएं और सोने से पहले स्नान करें| ध्यान, सांस की क्रियाओं, धीमे, मधुर संगीत या किताब पढ़ने से नींद आने में सहायता मिलती है|
ना करें
- सोने ke 4 से 6 घंटे पूर्व मदिरा का सेवन ना करें: मदिरा अवसाद है| यह दिमागी क्रिया को धीमा कर देती है| मदिरा मूत्र वर्धक भी है जिसकी वजह से आपको बार बार पेशाब जाना पड़ सकता है| मदिरापान से खर्राटे लेने की संभावना बढ़ जाती है जो फेफड़ों में हवा के प्रवाह को कम कर नींद को बाधित करती है|
- सोने से पहले किसी भी प्रकार का उत्तेजक पदार्थ ना ले: कैफीन, निकोटीन और कुछ प्रिसक्रिप्शन और बिना प्रिसक्रिप्शन के उपलब्ध दवाइयां उत्तेजक पदार्थों में आती हैं| सोने से पहले कैफीन के स्रोत जैसे एनर्जी ड्रिंक्स, रेड बुल, कॉफी, हॉट चॉकलेट, कोला, नॉन हर्बल चाय और चॉकलेट से बचें|
- रात को गरिष्ठ भोजन ना खाएं: मसालेदार और तला भुना भोजन पेट और खाने की नली में जलन पैदा करता है जिसकी वजह से सोने में कठिनाई होती है|
- सोने तीन 4 घंटे पहले जोरदार व्यायाम ना करें: सोने से 1 या 2 घंटे पहले जोगिंग या तैराकी करने से नींद में बाधा आती है क्योंकि यह गतिविधियां उत्तेजक होती हैं|
- दिन में ज्यादा ना सोए: दोपहर में 20 से 30 मिनट सोना शरीर को सक्रिय करने के लिए अच्छा होता है परंतु 30 मिनट से ज्यादा सोना रात की नींद को बाधित करता है|
अनिद्रा के लिए आयुर्वेदिक उपचार
- मालिश: सिर, तलवे और पिंडली की मांसपेशियों के प्रेशर प्वाइंट्स पर गुनगुने तेल की मालिश करें|
- शिरोधारा: मध्यम अनिद्रा के लिए शिरोधारा एवं गंभीर अनिद्रा के लिए शिरोवस्ती जैसे उपचार सहायक होते हैं|
- नास्यम उपचार: नासिका छिद्र में शुद्ध गाय के घी या तिल के तेल की दो बूंदे डालें |
यदि आप दिन प्रतिदिन सो नहीं पा रहे हैं या अगले दिन थकान महसूस करते हैं तो आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है| उचित है कि आप किसी मनोवैज्ञानिक, अपने डॉक्टर य निद्रा विशेषज्ञ से सहायता ले|